भारतीय उपभोक्ता दिवस 15 मार्च को मनाया गया

भारत में २४ दिसम्बर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन् १९८६ में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था। इसके बाद इसअधिनियम में १९९१ तथा १९९३ में संशोधन किये गए। उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसम्‍बर २००२ में एक व्‍यापक संशोधन लाया गया और १५ मार्च २००३ से लागू किया गया। परिणामस्‍वरूप उपभोक्‍ता संरक्षण नियम, १९८७ में भी संशोधन किया गया और ५ मार्च २००४ को अधिसूचित किया गया था।[1] भारत सरकार ने २४ दिसम्बर को राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता दिवस घोषित किया है, क्योंकि भारत के राष्‍ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, १९८६ के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्‍त १५ मार्च को प्रत्‍येक वर्ष विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यह दिन भारतीय ग्राहक आन्दोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरो में लिखा गया है। भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष २००० में मनाया गया। और आगे भी प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।