भ्रम फैलाते घूम रहे हैं दर्जनभर अन्य वायरस, डरे नहीं विस्‍तार से समझें

कोरोना वायरस जैसे और भी वायरस तेजी के साथ फैल रहे हैं। पर इनसे डरने की आवश्‍यकता नहीं क्‍योकि हर खांसी जैसी समस्‍या कोरोना नहीं 



जरा-सी खांसी और बुखार क्या हुआ, चेहरे पर कोरोना के खौफ से पसीना आ गया। ऐसी आशंका न पालें। कोरोना जैसे लक्षणों वाले दर्जनों वायरस सांस की बीमारी बनकर डरा रहे हैं। चिकित्सकों ने आगाह किया है कि खांसी, जुकाम व सांस फूलने के लक्षण उभरने पर किसी भ्रम में न आएं। तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें। 99 फीसद तय है कि ये कोरोना नहीं होगा। अगर कोरोना हो भी गया तो 96 फीसद मरीज ठीक हो जाता है।


 


हर खांसी कोरोना नहीं


अगले दो सप्ताह संक्रमण के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। सर्दी खत्म होने और गर्मी शुरू होने के बीच बड़ी संख्या में वायरल और फ्लू के मरीज मिलते हैं, किंतु इस बार कोरोना के खौफ ने स्वाइन फ्लू को पीछे छोड़ दिया है। सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, नजला, गला खराब, डायरिया एवं सांस फूलने से परेशान हर मरीज कोरोना को लेकर आशंकित है, जिन्हें भरोसा देना डाक्टरों के लिए स्वयं में बड़र चुनौती बन गया है। मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डा. तुंगवीर आर्य कहते हैं कि खांसी व बुखार से ज्यादा महत्व मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री का है।


तीन कोरोना तो पहले से हैं


माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग का कहना है कि दर्जनभर वायरस ऐसे हैं, जो सांस की नली में संक्रमण बनाकर कोरोना के लक्षणों की तरह प्रकट होते हैं। दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कोरोना के तीन स्ट्रेन पाए भी जाते हैं। एनसीआर-मेरठ के आसपास एन्फ्लुएंजा वायरस ज्यादा है। दर्जनभर प्रकार के वायरस फ्लू के लक्षणों के साथ उभरते हैं, और सात दिन का चक्र पूरा कर शरीर से निकल जाते हैं।


स्वाइन फ्लू जैसा.. फिर डर क्यों


मेडिकल कालेज के सांस रोग विशेषज्ञ डा. संतोष मित्तल का कहना है कि एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू और कोरोना में मरीजों की मौत की दर तकरीबन दो से तीन फीसद है, जो सामान्य है। प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर कोई भी वायरस निमोनिया बना देता है। एक्स-रे जांच में फेफड़ों में सफेद धब्बे दिखते हैं जो खतरनाक है।


डरें नहीं, ये भी कोरोना जैसी बीमारी करते हैं


एन्फ्लुएंजा वायरस, पैरा एन्फ्लुएंजा, ह्यूमन कोरोना वायरस, आरएसवी, एडीनो वायरस, इंटरो वायरस, राइनो वायरस और मेटानिमो वायरस।


इसलिए, डरें नहीं


सांस पर अटैक करते हैं ये वायरस अभी तक सिर्फ तीन फीसद मरीजों की ही गई है जान


कोरोना भी सामान्य फ्लू की तरह सामान्य खांसी, बुखार करते हुए निकल सकते हैं, और संभव है मरीज को पता भी न चले। शुगर, बीपी, कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट, अस्थमा, सीओपीडी के मरीजों, गर्भवती महिलाओं एवं 60 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों के लिए खतरनाक हो सकता है। हालांकि ये बीमारी ज्यादा तेजी से फैलती है।