द बेस’शाखाओं में नौनिहालों को पढ़ाने की थीम ‘नो द क्यूरियो किड’रखा गया

मेरठ। छोटे बच्चों में सब कुछ जानने की इच्छा प्रबल होती है। वह नई चीज देखकर उसके बारे में सवाल पूछते हैं। जानना चाहते हैं। वहीं, जवाब न मिले तो कुछ नया सवाल पूछते हैं। अब स्कूल बंद होने से बच्चे घर में कैद हैं। पर उनके जानने की जिज्ञासा कैद नहीं रह सकती है। इसीलिए स्कूल परिजनों को पैरेंट हैंडआउट भेज रहे हैं। दीवान पब्लिक स्कूल ग्रुप की ‘द बेस’ शाखाओं में अप्रैल महीने में नौनिहालों को पढ़ाने की थीम ‘नो द क्यूरियो किड’ रखा गया है। अब जब स्कूल नहीं खुल रहे हैं तो परिजनों को स्कूल ने पैरेंट हैंडआउट भेजे हैं। क्यूरियो एक इंटरेक्टिव थीम बेस्ड करिकुलम है जिसमें अंग्रेजी, गणित, नॉलेज ऑफ द वर्ल्‍ड और हिंदी विषयों को शामिल किया गया है। इसके अलावा वैल्यूज यानी मूल्यों की जानकारी, जीवन कौशल, फाइन मोटर व ग्रॉस मोटर स्किल शामिल हैं।



 

हर अंग शिक्षा का माध्यम


दीवान पब्लिक स्कूल जागृति विहार की प्रधानाध्यापिका दीना दुरेजा के अनुसार बेहतर नागरिक बनने के लिए मूल्यों की शिक्षा देने के साथ ही जीवन कौशल को बढ़ाया जा सकता है। इसमें स्कूल में मिली जानकारियों को जीवन में व्याप्त समस्याओं को समझने व सुलझाने में इस्तेमाल करना सिखाएं। इसी तरह फाइन मोटर स्किल में शरीर के अंगों में हाथ, उंगली, अंगूठा आदि से खाना, खिलौनों को पकड़ना, बटन या चेन बंद करना आदि सीखते हैं। ग्रॉस मोटर स्किल में शरीर के बड़ी मांसपेशियों के इस्तेमाल से कूदना, स्किपिंग करना, चलना आदि का अभ्यास कराएं और उनका उपयोग समझाएं।


हर छोटा काम है बड़े काम का


अमेरिकन किड्ज जागृति विहार की निदेशक आंचल कौशिक के अनुसार घर पर बच्चों को गतिविधियों से जोड़ने और उससे सीख दिलाने के लिए कई तरह की गतिविधियां परिजनों को बताई जा रही हैं। इनमें सॉर्टिग बींस में दालों को मिलाकर बच्चों को अलग करने को बोलें। इन्हें अलग करने और पहचानने के दौरान बच्चों में प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल विकसित होता है। इसी तरह घर पर उपलब्ध बींस, ब्लॉक, या पेंसिल के जरिए बच्चों को जोड़ व घटना सिखा सकते हैं। शेप वॉक में घर में बच्चों के साथ टहलने के दौरान घर में व्याप्त अल्रग-अलग तरह की वस्तुओं के शेप्स दिखाकर बच्चों को बताएं। इसी तरह फ्रूट्स फ्रैक्संस में फलों को काट कर उनके अलग-अलग अंश की जानकारी भी दे सकते हैं।


 


नौनिहालों के लिए यह गतिविधियां भी लाभकारी


घर में रंग-बिरंगी पेंसिल खूब सारी होती हैं। बच्चों को उनमें से लाइट व डार्क शेड अलग-अलग करने को कहें।


शैडो रेसिंग में बच्चों प्लेन पेपर पर कुछ खिलौने रख उनकी परछाई को पेंसिल से बनाने को कहें। इससे उनमें


परछाई की समझ के साथ ही राइटिंग स्किल भी बढ़ेगा।


फ्लोट एंड सिंक के जरिए बच्चों को फान साइंस की गतिविधियों से जोड़ें।


घर पर बालू, चावल व मिट्टी के जरिए सैंड पेपर लेटर तैयार करा सकते हैं।


घर पर सेलो टेप से जमीन पर शेप बनाकर सॉर्टिग शेप गतिविधि में शामिल कर सकते हैं।