मेरठ। शहर के लोग खुश हैं और आगत के स्वागत को तैयार हैं। जिन घरों के नीचे से रैपिड रेल गुजरेगी, वहां अब कुछ ही दिनों में टनल की खोदाई शुरू होगी और भूमिगत स्टेशन के लिए भी। ऐसे में जिन घरों के नीचे खोदाई होगी, उन घरों के आंगन में सेंसर लगाए जाएंगे। इससे खोदाई की स्थिति का पता चलता रहेगा।
अगर कहीं खोदाई करने वाली मशीन ने गड़बड़ की तो सेंसर फौरन जानकारी देगा जिससे निर्माण करने वाली टीम सतर्क हो जाएगी और काम रोक दिया जाएगा। वैसे इस मशीन के चलने पर कंपन तक महसूस नहीं होगा, हालांकि एक डर का रहना मानव स्वभाव हो जाता है। हालांकि इस डर के बावजूद लोग अपने अंगने में रैपिड रेल का स्वागत करने को बेताब हैं। इसलिए कि हमारे शहर में तीन राज्यों को जोड़ने वाली देश की पहली रीजनल रैपिड रेल चलने वाली है।
ये तो अच्छा है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में दिल्ली हाट की तर्ज पर मेरठ में भी हाट बनाने का प्रस्ताव शामिल किया गया है। जब भी यह प्रोजेक्ट धरातल पर आएगा, चार चांद लग जाएंगे। आबूलेन बाजार के बाद कुछ और हो जाएगा जहां खरीदारी की फील कनॉट प्लेस की मानिंद होगी। जब स्मार्ट सिटी के लिए बहुत कुछ सोचा जा रहा है तो हुनर हाट भी इसी कड़ी में जोड़ लेना चाहिए। दिल्ली में हाल ही में आयोजित इस थीम की खूब सराहना हुई। यह अलग बात है कि मोदी के जाने के बाद उसकी ब्रांडिंग जबरदस्त हो गई, हालांकि वह न जाते तो भी कम न थी। खैर, कहने का मतलब है कि इस शहर में हुनरमंद बहुत हैं। ऐसे लोगों को इस प्लेटफॉर्म की दरकार है। यह पहल निगम करे तो मेरठ के हाथ को पहचान मिल जाएगी। मैदान तो है ही।